Saturday, 4 February 2017

शिवतांडवस्त्रोतम् : shiv tandav strotam


अहंकार वश जब रावन ने कैलाश पर्वत उठाने की ठानी तब महादेव ने अपने अंगूठे से कैलाश पर्वत को दबा दिया जिसके बाद रावण चाह कर भी कैलाश पर्वत को हिला नही पाया तब रुद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए रावण ने १७ श्लोको पञ्चचामर छंद  का पाठ किया जिसे शिवतांडवस्त्रोतम् के नाम से जाना जाता है |