श्री राम चरित मानस के अयोध्या काण्ड में श्लोक संख्या ३ एक श्लोकी रामायण कहलाती है | इसमें श्री राम के जीवन की चारो अवस्थाओं का वर्णन है |
नीलाम्बुजश्यामलकोमलाङ्गं = नीले
कमल के समान जिनके कोमल अंग है अर्थात बाल्यावस्था
सीतासमारोपितवामभागम् =सीता जी वाम भाग में है अर्थात विवाह समारोह
पाणौ महासायकचारुचापं = जिनके हाथ में अमोघ बाड़ और धनुष है अर्थात रावन से युद्ध
नमामि रामं
रघुवंशनाथम् = रघुवंश
के स्वामी को प्रणाम अर्थात रामराज्य
स्थापित